मुख्य पूजा

कालसर्प दोष पूजा
कालसर्प दोष तब बनता है जब कुंडली के सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं। यह दोष जीवन में बाधा, तनाव, आर्थिक संकट और पारिवारिक अशांति लाता है।
इसका समाधान उज्जैन में कालसर्प पूजा द्वारा किया जाता है, जो अनुभवी पंडितों द्वारा व्यक्ति की अनुपस्थिति में भी की जा सकती है।
यह पूजा नकारात्मक प्रभावों को शांत कर जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाती है।

मंगल दोष पूजा
मंगल पूजा उज्जैन में तब की जाती है जब किसी व्यक्ति के जीवन में विवाह से संबंधित समस्याएं उत्पन्न होती हैं। यह पूजा मंगलनाथ मंदिर में की जाती है, जो मंगल ग्रह से संबंधित है।
मंगल ग्रह आत्म-सम्मान, स्वभाव, अहंकार और संघर्ष का प्रतीक होता है। इसकी अशुभ स्थिति वैवाहिक जीवन में बाधाएं उत्पन्न करती है। मंगल पूजा के माध्यम से इस दोष को शांत किया जाता है और वैवाहिक जीवन में संतुलन लाया जाता है।

पितृदोष पूजा
पितृदोष तब होता है जब पूर्वजों का विधिपूर्वक श्राद्ध या अंतिम संस्कार न किया गया हो, या किसी की अकाल मृत्यु हो गई हो। इसका प्रभाव परिवार की कई पीढ़ियों तक पड़ता है।
इससे जीवन में अड़चनें, असफलता, और मानसिक कष्ट उत्पन्न होते हैं।
उज्जैन में की जाने वाली पितृदोष पूजा से इन सभी दोषों का निवारण होता है और पितरों की शांति के साथ परिवार को सुख और समृद्धि प्राप्त होती है।
गुरूजी का परिचय
पंडित अभिषेक शर्मा जी – कालसर्प दोष शांति एवं वेद विशेषज्ञ
पंडित अभिषेक शर्मा गुरुजी महाकाल की पावन नगरी उज्जैन (अवंतिका) के प्रतिष्ठित एवं अनुभवी पूजाचार्य हैं, जिन्हें कालसर्प दोष, पितृदोष, ग्रह दोष, मंगलीक दोष आदि के निवारण हेतु वैदिक विधि से पूजा कराने में 10 वर्षों से अधिक का अनुभव है। अब तक हजारों श्रद्धालु गुरुजी से पूजन कर लाभ प्राप्त कर चुके हैं। उनकी शांति पूजा एवं यज्ञ विधियों से श्रद्धालुओं को त्वरित और प्रभावी परिणाम प्राप्त होते हैं, जो उनके अनुभवी और आध्यात्मिक ज्ञान को प्रमाणित करता है।
गुरुजी का जन्म एक पारंपरिक ब्राह्मण परिवार में हुआ, जहाँ उनके पिताजी और दादाजी भी पूजन और वेद विधा में पारंगत थे। बाल्यकाल से ही गुरुजी को पूजा-पाठ और दोष निवारण की गहरी रुचि थी। घर में ही उन्हें प्राचीन वेद, पुराण एवं कर्मकांड का ज्ञान प्राप्त हुआ। गुरुजी ने शासकीय संस्कृत महाविद्यालय उज्जैन से शास्त्रों में औपचारिक उपाधि प्राप्त की है।
पंडित जी का मानना है कि जब यजमान सच्चे मन, श्रद्धा और पूर्ण आस्था से पूजा करता है, तभी दोषों का निवारण संभव होता है। तर्क-वितर्क से नहीं, बल्कि समर्पण भाव से की गई पूजा से ही देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है।
🌙 कालसर्प दोष निवारण का महत्व
कालसर्प योग की पूजा से नव नाग देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही राहु-केतु की शांति करने से जीवन की बाधाएँ दूर होती हैं और सफलता के मार्ग खुलते हैं। नाग की सोने की मूर्ति की पूजा करने से माँ लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिससे धन, समृद्धि और सुख-शांति जीवन में आती है।
उज्जैन में कालसर्प शांति का विशेष महत्व है, क्योंकि यह पूजा बाबा महाकाल के चरणों में और मोक्षदायिनी शिप्रा नदी के तट पर स्थित अंगारेश्वर मंदिर में संपन्न होती है। यह स्थान शक्तिशाली और फलदायी माना जाता है, जहाँ की गई पूजा विशेष फल प्रदान करती है।
🕉 पितृदोष शांति का महत्व
गुरुजी द्वारा उज्जैन में पितृदोष निवारण पूजा पूर्ण विधि-विधान और वैदिक शास्त्रों के अनुसार करवाई जाती है। उज्जैन में पितृदोष की शांति से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और वंश में चल रही सभी बाधाएं, कष्ट, रुकावटें समाप्त होती हैं।
यह पूजा उज्जैन में विशेष रूप से प्रभावशाली मानी जाती है और इसका स्थायी प्रभाव यजमान के जीवन में सुख, सौभाग्य और संतुलन लाता है।
✨ हमारी सेवाएं और विशेषताएं
- कालसर्प, पितृदोष, ग्रह दोष, मंगलीक दोष निवारण
- वैदिक एवं शास्त्रीय विधि से पूजा
- कुंडली निरीक्षण एवं आध्यात्मिक परामर्श
- माँ बगलामुखी और बाबा बड़ली भैरव की कृपा से जीवन की बाधाओं का समाधान
आज ही पंडित अभिषेक शर्मा जी से संपर्क करें और अपने जीवन के कष्टों का समाधान वैदिक परंपरा के अनुसार उज्जैन में करवाएं।
📞 संपर्क: 98935 17109
📍 स्थान: उज्जैन, मध्यप्रदेश
🕉 “श्रद्धा और आस्था से की गई पूजा निश्चित रूप से शुभ फल देती है।”
कालसर्प की पूजा पंडित अभिषेक शर्मा गुरुजी के दुवारा
यदि किसी ज्योतिषी या कुंडली विशेषज्ञ ने आपकी जन्म पत्रिका में कालसर्प दोष होने की बात कही है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। इसका समाधान सरल, प्रभावशाली और पूर्णतः वैदिक पद्धति से संभव है। आइए जानें इसका उपाय।
कालसर्प योग की शांति पूजा भारत में विशेष रूप से दो प्रमुख स्थलों पर की जाती है — नासिक और उज्जैन। इनमें से उज्जैन का विशेष महत्व है, क्योंकि यह भगवान महाकाल की नगरी है और यहाँ मोक्षदायिनी शिप्रा नदी के तट पर स्थित अंगारेश्वर मंदिर में वैदिक विधि से दोष निवारण किया जाता है।
कालसर्प दोष की शांति पूजा से प्राप्त होने वाले लाभ:
- पूजा के माध्यम से नौ प्रमुख नाग देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- साथ ही राहु और केतु की विशेष पूजा की जाती है, जो जीवन में आ रही रुकावटों को दूर कर सफलता और प्रगति के द्वार खोलती है।
- सोने की नाग प्रतिमा की पूजा से माँ लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है, जिससे आर्थिक समृद्धि और सुख-शांति मिलती है।
पंडित अभिषेक शर्मा गुरुजी, उज्जैन के अनुभवी एवं विद्वान पंडित हैं, जो संपूर्ण वैदिक विधि से कालसर्प दोष का समाधान कराते हैं और यजमानों को शीघ्र फल की प्राप्ति होती है।
विशेष जानकारी
हमारी सेवाए
महामृत्युंजय जाप
महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव का एक अत्यंत शक्तिशाली और प्रभावशाली मंत्र है, जिसे जीवन में आयु वृद्धि, स्वास्थ्य लाभ, मानसिक शांति, आर्थिक समृद्धि और आत्मिक बल के लिए जपा जाता है। इस मंत्र का नियमित जाप नकारात्मक ऊर्जा और दुष्ट प्रभावों से रक्षा करता है, साथ ही एक दिव्य सुरक्षा कवच प्रदान करता है। पंडित अभिषेक शर्मा गुरुजी द्वारा कराए गए जापों से कई भक्तों ने चमत्कारी लाभ प्राप्त किए हैं।
अर्क/कुंभ विवाह
यदि किसी पुरुष की कुंडली में सप्तम या द्वादश भाव अशुभ ग्रहों से प्रभावित हो, या उसमें शुक्र, सूर्य, शनि या मंगल जैसे क्रूर ग्रहों का दोष हो—तो वैवाहिक जीवन में बाधा, विलंब या असंतोष उत्पन्न हो सकता है। ऐसे जातकों के लिए विवाह से पूर्व अर्क या कुंभ विवाह का आयोजन अत्यंत शुभ माना गया है। यह विशेष पूजा वैवाहिक जीवन की बाधाओं को समाप्त कर सौभाग्य का मार्ग प्रशस्त करती है।
नव ग्रह शांति
नवग्रह – सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु – हमारे जीवन की दिशा और दशा को गहराई से प्रभावित करते हैं। इन ग्रहों की अनुकूलता सुनिश्चित करने हेतु नवग्रह शांति पूजा अत्यंत आवश्यक मानी जाती है। यह पूजा जीवन में संतुलन, शांति और सफलता लाने में सहायक होती है, और ग्रहों के दुष्प्रभावों को दूर करने में विशेष प्रभावशाली सिद्ध होती है।
रुद्राभिषेक पूजा
भगवान शिव के रुद्र रूप का विशेष पूजन रुद्राभिषेक के रूप में जाना जाता है। यह अभिषेक विधिपूर्वक शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, बेलपत्र आदि अर्पित कर किया जाता है। रुद्राभिषेक से मानसिक क्लेश, पारिवारिक अशांति, रोग, कर्ज और अन्य बाधाओं से मुक्ति मिलती है। यह पूजा भगवान शिव को शीघ्र प्रसन्न करने वाली मानी जाती है।
शनि पूजा
शनि देव को न्याय और कर्मफल का देवता कहा गया है, परंतु उनकी कुदृष्टि जीवन में अनेक कष्ट ला सकती है। शनि के प्रभाव को शांत करने हेतु शिव पूजा अत्यंत प्रभावी होती है, क्योंकि शिवजी स्वयं शनि देव के आराध्य हैं। सावन मास में या शनिवार को विधिपूर्वक शिवलिंग की पूजा करने से शनि के सभी दुष्प्रभाव समाप्त होते हैं और जीवन में स्थिरता व समृद्धि आती है।
वास्तु दोष
यदि भवन का निर्माण वास्तु शास्त्र के नियमों के विपरीत होता है, तो उस स्थान पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बना रहता है, जिससे निवासियों को मानसिक अशांति, रोग, आर्थिक हानि जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। पंडित अभिषेक शर्मा गुरुजी द्वारा किए गए वास्तु दोष निवारण उपायों से न केवल सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है, बल्कि घर व कार्यालय में समृद्धि का वातावरण भी स्थापित होता है।
पंडित अभिषेक शर्मा गुरुजी दुवारा कि गई सभी पुजाये अर्थात कालसर्प दोष पूजा,मंगल भात पूजा,पितृ दोष पूजा,महामृत्युंजय जाप,अर्क/कुंभ विवाह,नव ग्रह शांति,बगलामुखी माता पुजा एवं विशेष संतान प्राप्ति का उत्कृष्ट परिणाम तुरंत प्राप्त होता है।
श्री_महाकालेश्वर_ज्योतिर्लिंग
अधिक जानकारी
विशेष- संतान प्राप्ति के लिए नि: संकोछ गुरुजी से संपर्क करे।
गुरुजी को कालसर्प दोष पूजा में गहन अनुभव प्राप्त है। उन्होंने अब तक अनेकों शांति पूजा सफलतापूर्वक संपन्न की हैं। उनकी पूजा विधियों के बाद श्रद्धालुओं को तुरंत सकारात्मक और उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त हुए हैं।
संपर्क करे
उज्जैन
पिन- 456006
मध्यप्रदेश ,भारत
फोन : +91 98935 17109
ईमेल : sharmaa49825@gmail.com